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शनिवार, 6 मार्च 2010

साधुओं की जय हो-मीडिया की भी जय हो

देश की मीडिया में इस समय एक अजीब तरह की बहस छिडी हुई है। कौन बाबा असली और कौन नकली। क्या धर्म है और क्या अधर्म। दिल्ली में इच्छाधारी बाबा की गिरपत्तारी व दक्षिण में स्वामी नित्यानन्द के एक तमिल आभनेत्री के साथ बन्द कमरे का वीडियो सन टीवी द्वारा दिखाये जाने के बाद मीडिया बाबाओं को कटघरे में खडा करने में जुटा हुआ है। टीवी पर लम्बी-लम्बी बहस चल रही है। स्टूडियो में साधुओं के साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को बैठाकर चर्चा की जा रही है। इस पूरी बहस के दिलचस्प पहलू पर शायद कुछ  ही लोगों ने गौर किया होगा। एक घंटे की बहस में लम्बे-लम्बे ब्रेक के अलावा नित्यानन्द स्वामी जी का लम्बा फुटेज  व इच्छाधारी बाबा का नृत्य करने की फुटेज  ज्यादा दिखायी जा रही है। बहस तो हो रही है लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच रही है। मैने कई चैनलों पर इस मुद्दे पर होने वाली बहस पर गौर किया लेकिन किसी पर भी बहस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। चैनल वाले यह कह सकते हैं कि बहस में शामिल लोग किसी एक मुद्दे पर एकमत नहीं हो सके। एक चैनल पर तो स्वामी रामदेव जी ने कह दिया कि पाखण्डी बाबाओं को फांसी पर लटका देना चाहिए। श्रीश्री रविशंकर ने भी कहा कि सन्त कहने वाले फर्जी लोगों को सजा मिलनी चाहिए। चैनल के एंकर बार-बार यही कहते रहे कि लोग कैसे नकली व असली सन्त के बीच पहचान करें। मुझे लगता है कि समाज इस बारे में पूरी तरह से जागरुक है। तभी तो आसाराम बापू पर पिछले दो वर्ष से हत्या के आरोप लग रहे हैं लेकिन उनके भक्तों की संख्या में कोई कमी नहीं आयी। सत्य साई बाबा पर बच्चों के यौन शोषण के साथ चमत्कार करने के तमाम आरोप मीडिया ने लगाये लेकिन भक्तों की तादात कम नहीं हुई। अपने को भगवान घोषित करने वाले लाडेसर महराज से मेरी कई बार मुलाकात हुई। बाराबंकी के सांसद पी़एल़पुनिया जी मेरे सामने ही पहली बार अपनी धर्मपत्नी के साथ लाडेसर महराज से उनके गोमतीनगर स्थित आश्रम में मिले थे। पुनिया जी ने उनसे अपनी राजनीतिक इच्छा का इजहार करते हुए उसमें सफलता के बारे में पूछा था। बाबा ने उन्हें राजनीति में पूरी सफलता मिलने की बात कही थी। बाबा ने यह पुनिया जी के रिटायरमेंट के फौरन बाद कहा था। जबसे मीडिया उनके पीछे पडी लाडेसर महराज ने पूरे देश में अपना भ्रमण कार्यव्रᆬम बन्द कर दिया। अब वे अपने पुष्कर आश्रम में ही रहते हैं। अभी भी उनके भक्तों की तादात कम नहीं हुई है। हजारों लोग लाडेसर महराज के दर्शन के लिए पुष्कर आश्रम में जुटते हैं। रोज शाम का बाबा जी दर्शन करते हैं।

मेरा मानना है कि मीडिया को साधु सन्तों या किसी भी मामले में मीडिया ट्रायल नहीं करना चाहिए। सन्त व सन्यासी होने का मतलब यह कत्तई नहीं है कि वह ब्रम्हचर्य का पालन करे। कई सन्यासी हैं जो वैवाहिक जीवन जी रहे हैं। यह जरुर है कि सन्त व सन्यासी को हमारा समाज मार्गदर्शक मानता है। सन्त जो भी बताते हैं उसका हम पालन करते हैं। ऐसे में सन्तों को अपनी मर्यादा का ख्याल जरुर करना चाहिए क्योंकि पूरी दुनिया की नजर उन पर रहती है। वैसे जो भी लोग सामाजिक जीवन जीते हैं उन्हें यह ख्याल रखना चाहिए कि उनके छोटे से कृᆬत्य से समाज पर कितना खराब असर पडता है। पूरे समुदाय की बदनामी होने लगती है। लेकिन मीडिया को भी इन बातों को दिखाने के लिए टीआरपीके चक्कर में पडने की बजाय जांच रिपोर्ट आने तक का इंतजार जरुर करना चााहए। स्वामी नित्यानन्द की जो पुᆬटेज टीवी पर दिखायी जा रही है उसमें तमिल आभनेत्री के अलावा उस कमरे में दो अन्य व्यक्ति भी दिखायी दे रहे हैं। ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि नित्यानन्द आभनेत्री के साथ किसी तरह के सम्बन्ध बना रहे थे। दिल्ली के इच्छाधारी बाबा के आश्रम से कोई काल गर्ल नहीं पकडी गयी लेकिन उसे काल गर्ल का सौदागर बता दिया गया। पुलिस ने कहा और मीडिया ने मान लिया। इच्छाधारी बाबा का नृत्य करता हुआ एक वीडियो भी खूब दिखाया जा रहा है। उस वीडियो में बाबा किसी महिला के साथ तो दिखते नहीं हैं। बताया गया कि बाबा के 500 काल गर्ल से जानपहचान है लेकिन किसी एक को सामने लाकर पुलिस पेश नहीं कर पायी। इच्छाधारी बाबा हास्पीटल चलाते हैं। जहां तक मेरी जानकारी है यह हास्पीटल सेवा भावना से चलाया जा रहा है। यह भी समझ में नहीं आ रहा है कि जिस बाबा के इतने सारे भक्त हैं वह काल गर्ल का रैकेट क्यों चलायेगा। इसकी जानकारी उनके किसी भक्त को नहीं हो पायी। बाबा ने अपने बयान में जो कहा कि उन्हें फंसाया गया। ऐसा हो भी सकता है, लेकिन अब तो पुलिस व मीडिया ने उन्हें देश में काल गर्ल का सबसे बडा सौदागर घोषित कर दिया है। किसी भी हत्या करने वाले को तब तक मीडिया में हत्यारा नहीं लिखा जाता है जब तक कोर्ट उस पर आरोप नहीं तय कर देती है। मुझे लगता है कि इसी तरह इन बाबाओं के बारे में भी होना चाहिए। पुलिस अगर चार्जशीट दायर करती है और उस पर अदालत किसी भी आरोप में बाबा पर आरोप तय करती है तो उसे कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए। यह जरुर है कि इधर साधु सन्तों की देश में बाढ आ गयी है। सन्तों के पास वुᆬछ ही दिनों में अरबों रुपये की सम्पत्ति भी जमा हो जाती है। लोगों को यह देखना होगा कि आखिर बाबा के पास यह करोडों की सम्पत्ति कहीं से आयी? सरकारी मशीनरी को भी इस पर नजर रखनी चाहिए। आम लोगों को भी सन्तों पर भरोसा थोडा जांच परख कर करना चाहिए। मीडिया को धार्मिक मामलों में थोडा संयम बरतना चाहिए।

1 टिप्पणी:

  1. wah wah dioki ji kiya baat kahi ki police ne kaha aur media nei maan liya?
    sir aesi hi kayi baatien police dusre logon kei liye kahti hai to aap jaise varishth patrkar police ki haan mei haan melnie ke atirikt un se do qadam aage nikal jatei hain. kiya un mamlon mei bhi police ka trail hona chahiye aur patkaron ko khule dimagh se suchchaie dhundna chchie

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