भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर काफी आशान्वित हैं। उन्हें राज्य में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलते दिख रहा है। राज्य में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी के कामकाज से खफा गडकरी ने एलान किया कि उनकी पार्टी किसी भी कीमत पर बसपा को समर्थन नहीं करेगी। प्रदेश में पार्टी के प्रदर्शन, टिकट बंटवारे को लेकर मचे घमासान और कुशवाहा प्रकरण पर पार्टी में उठे बवंडर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष से हमारे संवाददाता देवकी नंदन मिश्र ने बातचीत की। पेश हैं संपादित अंश :-
चुनाव में आपके क्या प्रमुख मुद्दे हैं?
गुण्डाराज व भ्रष्टाचार को खत्म करके उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना। यहां पर रामराज स्थापित करना हमारा लक्ष्य है। जहां पर किसानों व उद्योगों को 24 घंटे बिजली मिले और बेरोजगारों को रोजगार। आप रामराज स्थापना की बात तो कर रहे हैं लेकिन राम मन्दिर के मुद्दे पर भाजपा को सत्ता मिली और उसके लिए कुछ खास नहीं कर पाये? भाजपा का नजरिया राममन्दिर के प्रति हमेशा से साफ रहा है। भगवान राम की जन्मस्थली में उनका भव्य मन्दिर बनना चाहिए। रामराज की बात हम इस वजह से करते हैं क्योंकि सतयुग में वह आदर्श राज था। अन्य प्रदेशों में जहां भाजपा की सरकारें हैं हम रामराज स्थापना की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। भाजपा भी तो कुशवाहा को पार्टी में लेकर अपने रास्ते से भटक गयी है? बाबू सिंह कुशवाहा ने खुद ही अपनी सदस्यता स्थगित करने का अनुरोध किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अब भाजपा के लिए कुशवाहा का प्रकरण समाप्त हो गया है। यूपी में अगर भाजपा को सरकार बनाने लायक सीटें नहीं मिली तब आप क्या करेंगे? बहुमत न मिलने पर हम विपक्ष में बैठेंगे। समाजवादी पार्टी या बसपा से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे। राज्य में सत्तारूढ़ बसपा को तो किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं करेंगे। प्रदेश की जनता भाजपा को स्पष्ट बहुमत देने जा रही है। टिकट को लेकर भाजपा में जबरदस्त घमासान मचा है? भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है। टिकट का वितरण काफी विचारिवमर्श के बाद किया गया है। प्रदेश संगठन के समन्वय से आधे से ज्यादा टिकट दिये गये हैं। सव्रे को भी ध्यान में रखा गया है। हर सीट से कई लोग टिकट चाह रहे थे। टिकट किसी एक को ही दिया जा सकता है। सबको साथ लेकर चलने की कोशिश हो रही है। बसपा को किसी कीमत पर समर्थन नहीं
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आप सोच रहे होंगे कि इस पत्रकार को ब्लाग लिखने की जरुरत क्यों आन पडी, जब इसके पास लिखने के लिए पहले से एक प्रमुख समाचार पत्र व टेलीविजन है। आपकी सोच ठीक है लेकिन मेरा मानना है कि अपनी ढेर सारी भावनाएं व विचार हम उस समाचार पत्र में नहीं लिख सकते। इसके लिए इण्टरनेट ब्लाग मुझे बेहतर माध्यम लगा। मेरे ब्लाग पर अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएंगे तो मुझे प्रसन्नता होगी साथ ही आपके सुझावों से इसमें बदलाव करने में यूपी के इस बन्दे को सहूलियत होगी।
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शनिवार, 21 जनवरी 2012
बसपा को किसी कीमत पर समर्थन नहीं
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