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शनिवार, 21 जनवरी 2012

बसपा को किसी कीमत पर समर्थन नहीं


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर काफी आशान्वित हैं। उन्हें राज्य में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलते दिख रहा है। राज्य में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी के कामकाज से खफा गडकरी ने एलान किया कि उनकी पार्टी किसी भी कीमत पर बसपा को समर्थन नहीं करेगी। प्रदेश में पार्टी के प्रदर्शन, टिकट बंटवारे को लेकर मचे घमासान और कुशवाहा प्रकरण पर पार्टी में उठे बवंडर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष से हमारे संवाददाता देवकी नंदन मिश्र ने बातचीत की। पेश हैं संपादित अंश :-
 चुनाव में आपके क्या प्रमुख मुद्दे हैं? 
गुण्डाराज व भ्रष्टाचार को खत्म करके उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना। यहां पर रामराज स्थापित करना हमारा लक्ष्य है। जहां पर किसानों व उद्योगों को 24 घंटे बिजली मिले और बेरोजगारों को रोजगार। आप रामराज स्थापना की बात तो कर रहे हैं लेकिन राम मन्दिर के मुद्दे पर भाजपा को सत्ता मिली और उसके लिए कुछ खास नहीं कर पाये? भाजपा का नजरिया राममन्दिर के प्रति हमेशा से साफ रहा है। भगवान राम की जन्मस्थली में उनका भव्य मन्दिर बनना चाहिए। रामराज की बात हम इस वजह से करते हैं क्योंकि सतयुग में वह आदर्श राज था। अन्य प्रदेशों में जहां भाजपा की सरकारें हैं हम रामराज स्थापना की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। भाजपा भी तो कुशवाहा को पार्टी में लेकर अपने रास्ते से भटक गयी है? बाबू सिंह कुशवाहा ने खुद ही अपनी सदस्यता स्थगित करने का अनुरोध किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अब भाजपा के लिए कुशवाहा का प्रकरण समाप्त हो गया है। यूपी में अगर भाजपा को सरकार बनाने लायक सीटें नहीं मिली तब आप क्या करेंगे? बहुमत न मिलने पर हम विपक्ष में बैठेंगे। समाजवादी पार्टी या बसपा से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे। राज्य में सत्तारूढ़ बसपा को तो किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं करेंगे। प्रदेश की जनता भाजपा को स्पष्ट बहुमत देने जा रही है। टिकट को लेकर भाजपा में जबरदस्त घमासान मचा है? भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है। टिकट का वितरण काफी विचारिवमर्श के बाद किया गया है। प्रदेश संगठन के समन्वय से आधे से ज्यादा टिकट दिये गये हैं। सव्रे को भी ध्यान में रखा गया है। हर सीट से कई लोग टिकट चाह रहे थे। टिकट किसी एक को ही दिया जा सकता है। सबको साथ लेकर चलने की कोशिश हो रही है। बसपा को किसी कीमत पर समर्थन नहीं

शनिवार, 7 जनवरी 2012

ग्रहों के दुराग्रहों से बचने की जुगत


चुनाव निकट हैं। बदले माहौल में विजय की समस्या विकट है। दांव सही पड़े, महारथियों को यह चिंता सताना वाजिब है। कुछ ने मनौती फिक्स कर ली तो कुछ ने अनुष्ठानों के लिए एडवांस बुकिंग करा दी। ग्रहों के चाल-चलन और मारकशक्ति से सभी योद्धा वाकिफ हैं। ग्रहों की तिरछी चाल का असर कम करने के लिए रणवीरों ने रत्नों और नगों का वजन घटाना- बढ़ाना शुरू दिया है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। चुनावी वैतरणी पार करने के लिए कुछ ने टोटकों पर विास जताया है तो कुछ ने बाबाओं पर। धार्मिक गुरुओं, ज्योतिषाचार्यो की एडवांस बुकिंग की जा रही है ताकि वे पूरे चुनाव उन्हें पल-पल पर गाइडेंस देते रहें। ताकि अशुभ होने की कोई गुंजाइश न रहे। बहुतों ने पिछला चुनाव जितवाने वाले गैर प्रदेशों के तांत्रिकों तक की तलाश शुरू करा दी है। हरिद्वार, लखनऊ, दिल्ली, विंध्याचल, अयोध्या, मथुरा व काशी के बाबा और धार्मिक गुरुओं के द्वारे लम्बी-चौड़ी लग्जरी गाड़ियों की लम्बी-लम्बी कतारें लगने लगी हैं। अधिसंख्य नेताओं के भाग्य ग्रहनक्षत्र के तराजू पर तौले जा चुके हैं। जिनका भाग्य कमजोर है उन्हें मजबूत करने और जिनका मजबूत है उन्हें और मजबूत करने की जुगत बैठायी जा रही है। टोटके, रत्न, नग व यज्ञ बटुओं के वजन के हिसाब से डन किये जा रहे हैं। एक जाने-माने ज्योतिषाचार्य का कहना है कि शाहजहांपुर जिले एक विधायक जिनकी सीट और टिकट कट गया था, यज्ञ की ताकत से ही भाजपा से उम्मीदवारी का हक मिला है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य विनोद चतुव्रेदी का कहना है कि ज्योतिषी बिरादरी जिन बिन्दुओं पर विशेष विचार कर रही हैं उनमें ग्रहों का दोष व शांति, शुभ अंक व तारीख, शुभ दिन व रंग शामिल हैं। वह मजार जहां की दुआ, कमजोर भाग्य की दवा बने और वह धर्मस्थल जो विजय पताका फहराने में मददगार बने, वहां मत्था टेकने पर भी एस्ट्रोलोजर गौर कर रहे हैं। ज्योतिषाचार्य डा. अरविन्द त्रिपाठी का कहना है कि इस बार नये वर्ष के प्रथम मास से चुनाव का आगाज हो रहा है और मकर संक्रांति के बाद अंजाम पर पहुंच रहा है, सभी की राशियों के ग्रहों की चाल में बदलाव तय है। अनुकूल परिणाम के लिए उपाए अपनाए जा रहे हैं। वह बताते हैं कि मनमुताबिक रिजल्ट के लिए उम्मीदवार व उनके परिजन सलाह लेने आने लगे हैं। सभी जानते हैं प्रतिकूल ग्रहों को अनुकूल करने में नग-रत्न और पूजा-अनुष्ठान जरूरी होता है। कुंडली और श्रद्धा मुताबिक उपचार तय किये जाते हैं जिनमें घर के दरवाजे पर ग्रह शोधक पौधा लगाने, स्टोन,

अगर मीडिया रंडी है


अगर मीडिया रंडी है तो मै इसका सच्चा दलाल हु



जय हो -  जो लोग मुझे फ़ोन - मेल करके  गाली  दे रहे है मेरे लिए यह गाली नहीं बल्कि आप सभी लोगो की सौगात है | जब से मीडिया दलाल .कॉम की शुरुआत की है तब   से गाली देने वालो की लाइन लग गयी है हर किसी का अलग कथन है |

मीडिया को  रंडी , कोठा  , दलाल कहने वालो  मीडिया दलाल डाट काम  में सभी का स्वागत करता है | अगर आप मुझे गाली देते हो तो आपकी सभी गालीओ को   सराखो पर रखता हु |

मुझे बिल्कुल कहने में गुरेज नहीं है अगर मीडिया रंडी है तो मै इसका सच्चा दलाल हु  | भाई सोच सोच में फर्क होता है जब से  मीडिया दलाल  डाट.कॉम  ने लोगो की   पोल खोलना शुरू  किया है तब  से  लोग मुझे  रंडी और दलाल का दर्जा देने लगे है   |


अगर सच लिखने में दलाल,  भडुआ , रंडी का दर्जा मिलेगा तो मै सच लिखता रहूगा चाहे कुछ भी क्यों न हो ? ये मेरा वादा है |


संपादक 
सुशील गंगवार
फ़ोन -०९१६७६१८८६६
साक्षात्कार.कॉम
मीडिया दलाल .कॉम